🌹सुबह सूर्योदय से पहले- पहले भरपेट पानी पी लें।
🌹अगर घर मे देशी गाय का घी है तो सूर्योदय से पहले ही 25 से 50 ग्राम गुनगुने पानी के साथ ले लें। इससे भूख-प्यास की उग्रता कम होगी, व्रत करने में आसानी होगी।
🌹सूर्योदय से पहले नींबू व मिश्री मिलाकर पानी पी ले तो प्यास कम लगेगी।
🌹दोपहर या शाम के समय मुल्तानी मिट्टी शरीर पर लगाकर आधा या एक घण्टे रखकर स्नान करें तो प्यास नही सताएगी। मुल्तानी में अगर पलाश के पाउडर अथवा छाछ, नीबू मिला ले अथवा इसमे से कोई भी एक चीज मिला ले तो प्यास नही सताएगी।
🌹अनावश्यक घर से बाहर न जाये, भागदौड़ न करें जिससे पसीना न बहे । जितना कम पसीना बहेगा उतनी प्यास कम लगेगी, सम्भव हो तो मौन रखें, जप ध्यान करें , सत्संग सुनें , शास्त्र पढ़ें।
🌹दूसरे दिन व्रत तोड़ने की विधि:-🌹
🌹 दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके अपना जप का नियम करके फिर सूर्य को अर्ध्य देकर फिर व्रत तोड़ें ।
🌹7 भुने हुए चने को बीच से तोड़कर कुल 14 टुकड़े हाथ मे लेकर खड़े हो जाये |
(14 टुकड़ों को ) एक टुकड़ा आगे एक पीछे फेंकते जाएं, कि मेरे समस्त पाप संतापों का नाश हो, अंतःकरण शुद्ध हो ॐ ॐ ॐ
🌹कुछ भुने हुए चने खा लें, जिससे जमा हुआ कफ चने के साथ शरीर से बाहर आ जाये ।
🌹उसके बाद गुनगुने पानी मे नीबू की शिकंजी (सेंधा नमक भी अल्प मात्रा में डालें) बनाकर पियें ।
🌹एक डेढ़ घण्टे बाद हुत पतली मूँग (बगैर मिर्च मसाले के हल्दी -धनिया डालकर) अथवा मूंग का पानी एक चम्मच घी डालकर खाएं ।
🌹पूरे दिन गुनगुना पानी ही पियें तो अच्छा होगा , कोई भी भारी चीज न खाएं, पूरा दिन मूँग ही खाएं तो अतिउत्तम होगा ।
🔹नॉट : आप स्वस्थ हैं तो निर्जला रखिये यह सर्वोत्तम होगा, आपको पूरा पुण्य भी मिलेगा, अगर आपका स्वास्थ्य /उम्र निर्जला रखने की अनुमति नही दे रहा है (आप मधुमेह, उच्च रक्तचाप के रोगी हैं) तो सजला रखिये, अगर सजला भी नहीं रख सकते तो केवल दूध पर रहिये, अगर यह भी सम्भव नहीं तो फल और दूध पर रहिये ।
आचार्य आशुकवि पङ्कज ऊमर
अंतराष्ट्रीय शोधार्थी भारत
ज्योतिष गुप्तचर विभाग दिल्ली
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