त्रिस्पृशा एकादशी कब आती है ?.
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‘पद्म पुराण' में आता है कि *‘‘जब एक ही दिन 🔴एकादशी, 🟠द्वादशी तथा रात्रि के अंतिम प्रहर में 🟢त्रयोदशी भी हो तो उसे ‘त्रिस्पृशा' समझना चाहिए । यह तिथि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष देनेवाली तथा 100 करोड़ तीर्थों से भी अधिक महत्त्वपूर्ण है । इस दिन भगवान के साथ सदगुरु की पूजा करनी चाहिये ।
आचार्य आशुकवि पङ्कज ऊमर
अंतराष्ट्रीय शोधार्थी भारत
ज्योतिष गुप्तचर विभाग दिल्ली
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