* महाशिवरात्रि की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव की पूजा करें।
* इसके बाद गेहूं के आटे से 11 शिवलिंग बनाएं।
* अब प्रत्येक शिवलिंग का शिव महिम्न स्त्रोत से जलाभिषेक करें।
* इस प्रकार 11 बार जलाभिषेक करें। उस जल का कुछ भाग प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
* यह प्रयोग लगातार 21 दिन तक करें। गर्भ की रक्षा के लिए और संतान प्राप्ति के लिए गर्भ गौरी रुद्राक्ष भी धारण करें।
नोट -- इसे किसी शुभ दिन शुभ मुहूर्त देखकर धारण करें।
इसकी विधिवत जानकारी शुभ मुहूर्त में धारण करने के विषय में जानकारी के लिए
आचार्य आशुकवि पङ्कज ऊमर
अंतराष्ट्रीय शोधार्थी भारत
ज्योतिष गुप्तचर विभाग दिल्ली
https://atthistime.in/veagtlxv3f6weiqo/
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