मंगलवार, 27 अप्रैल 2021

उपहार उपहार उपहार


आप सभी के जबाब देते हुऐ हम थक गये है ,ज्योतिष कार्य कुंडली में विवाह से सम्बन्ध में कई जिज्ञाषा होती है जैसे विवाह कब होगा किससे होगा हो गया तो आगे कैसे होंगे, सन्तान कब होगा ,दूसरी शादी होगी ,तलाक होगी आदी प्रश्न आते है इन सभी के प्रश्न के उत्तर शीघ्र हेतु एक मैरिज ब्यूरो एप्प बनाने वाले है।

          जिसमे आप पाएंगे वर ,वधु के फ़िल्टर प्रोफाइल जो आपके कुंडली से मैच आते हो , आपके पार्टनर के सभी थिंकिंग, व्यवहार पर्सनालिटी, ब्रेन मेकअप, प्रेम , दया, पैनिक , इच्छा, लाइक, डिस लाइक, संतान सुख,आदि सभी तथ्यों पर प्रकाश डालते हुए आपको विवाह करायेंगे ओर उसके बाद होने वाले प्रोब्लेम से मुक्ति दिलाएंगे।

नोट -पहली बार एक मैरेज ब्यूरो में ज्योतिष डॉक्टर, मनोवैज्ञानिक आपको हेल्प करेंगे ।

         आप अगर इस व्यूरो से जुड़ना चाहते है, तो अपने बच्चो के ,अपना प्रोफाइल अपडेट करें और सेवा का लाभ ले ये सेवा की फीस भी निर्धारित की जाएगी क्यो की कोई भी सर्विस बिना फीस की संचालन नही होती ।

आशा है आप लोग मेरी पीड़ा समझेंगे और हमारे साथ मिल के इस व्यूरो को सफल बनायेंगे।

शुक्रवार, 23 अप्रैल 2021

आइये वास्तु विहार करे........

 


🙏🏻 घर में हनुमान जी की तस्वीर लगाने से कई लाभ मिलते हैं। अगर घर में वास्तु के नियमानुसार सही दिशा में सही तरह से हनुमानजी की तस्वीर लगाई जाए तो कई लाभ हो सकते हैं।*

1⃣ *हनुमानजी बाल ब्रहमचारी है इसलिए उनकी तस्वीर बेडरूम में नहीं लगानी चाहिए। बेडरूम में लगाई गई हनुमानजी की तस्वीर शुभ फल नहीं देती।*

2⃣ *भगवान हनुमानजी की तस्वीर घर या दुकान में दक्षिण दिशा की ओर लगाना सबसे अच्छा माना जाता है। क्योंकि हनुमानजी ने अपनी शक्तियों का प्रयोग दक्षिण दिशा की ओर दिखाया था।*

3⃣ *घर मे पंचमुखी, पर्वत उठाते हुए या राम भजन करते हुए हनुमानजी की तस्वीर लगाना सबसे अच्छा होता है। इससे घर के सभी दोष खत्म हो जाते हैं।*

4⃣ *उत्तर दिशा में हनुमानजी की तस्वीर लगाने पर दक्षिण दिशा से आने वाली प्रत्येक नकारात्मक शक्ति को हनुमानजी रोक देते हैं। इससे घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है।*

5⃣ *जिस रुप में हनुमानजी अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हो. ऐसी तस्वीर घर में लगाने से किसी तरह की बुरी शक्ति घर में प्रवेश नहीं कर पाती।*

6⃣ *हनुमानजी की तस्वीर पर सिंदूर जरुर लगाना चाहिए। ऐसा न कर पाने पर सिंदूर का केवल तिलक भी किया जा सकता है। इससे सभी मनोकामनाएं जरुर पूरी होती हैं ।*

आचार्य आशुकवि पङ्कज ऊमर

अंतराष्ट्रीय शोधार्थी भारत 

ज्योतिष गुप्तचर विभाग दिल्ली

बुधवार, 21 अप्रैल 2021

आइये वास्तु विहार करे....

 


घर मे अपने बच्चों का मेज कभी भी दक्षिण दिशा में नही रखना चाहिए इससे बच्चा आलसी,जिद्दी ,कुसंस्कारी होने लगता है और उसका मन शिक्षा की तरफ से अलग होने लगता है। नोट- हमेशा बच्चो को ईशान कोण (पूर्व -उत्तर) में मुख करके पढ़ना चाहिये तथा मेज की दिशा भी यही होनी चाहिये। वास्तु में गृह श्रृंगार पुस्तक  की कुछ अंश...

आचार्य आशुकवि पङ्कज ऊमर

अंतराष्ट्रीय शोधार्थी भारत 

ज्योतिष गुप्तचर विभाग दिल्ली

शनिवार, 17 अप्रैल 2021

माह राज्ययोग महा राजयोग

 


19 अप्रैल को काम धंधे में सफलता एवं राज योग के लिए एक प्रयोग करें। अगर काम धंधा करते हैं और  सफलता नहीं मिलती हो या विघ्न आते हों तो शुक्ल  पक्ष की अष्टमी को.. बेल के कोमल -कोमल पत्तों पर लाल चन्दन लगा कर माँ जगदम्बा को अर्पण करने से .... मंत्र बोले " ॐ ह्रीं नमः । ॐ श्रीं नमः । " और थोड़ी देर बैठ कर प्रार्थना और जप करने से राज योग बनता है गुरु मंत्र का जप और कभी -कभी ये प्रयोग करें नवरात्रियों में तो बहुत खास है।

आचार्य आशुकवि पङ्कज ऊमर

अंतराष्ट्रीय शोधार्थी भारत 

ज्योतिष गुप्तचर विभाग दिल्ली

गुरुवार, 15 अप्रैल 2021

आर्थिक परेशानी हो तो आइये ब्रज प्रयोग करे

 🌷 *आर्थिक परेशानी हो तो आइये ब्रज प्रयोग करे


* 🌷

🙏🏻 *स्कंद पुराण में लिखा है पौष मास की शुक्ल पक्ष की दसमी तिथि चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी(17 अप्रैल 2021 शनिवार) और सावन महीने की पूनम ये दिन लक्ष्मी पूजा के खास बताये गये हैं | इन दिनों में अगर कोई आर्थिक कष्ट से जूझ रहा है | पैसों की बहुत तंगी है घर में तो 12 मंत्र लक्ष्मी माता के बोलकर, शांत बैठकर मानसिक पूजा करे और उनको नमन करें तो उसको भगवती लक्ष्मी प्राप्त होती है, लाभ होता है, घर में लक्ष्मी स्थायी हो जाती हैं | उसके घर से आर्थिक समस्याए धीरे धीरे किनारा करती है | बारह मंत्र इसप्रकार हैं –*

🌷 *ॐ ऐश्‍वर्यै नम:*

🌷 *ॐ कमलायै नम:*

🌷 *ॐ लक्ष्मयै नम:*

🌷 *ॐ चलायै नम:*

🌷 *ॐ भुत्यै नम:*

🌷 *ॐ हरिप्रियायै नम:* 

🌷 *ॐ पद्मायै नम:* 

🌷 *ॐ पद्माल्यायै नम:* 

🌷 *ॐ संपत्यै नम:*

🌷 *ॐ ऊच्चयै नम:*

🌷 *ॐ श्रीयै नम:*

🌷 *ॐ पद्मधारिन्यै नम:*

👉🏻 *सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्ति प्रदायिनि | मंत्रपूर्ते सदा देवि महालक्ष्मी नमोस्तुते ||*

👉🏻 *द्वादश एतानि नामानि लक्ष्मी संपूज्यय पठेत | स्थिरा लक्ष्मीर्भवेतस्य पुत्रदाराबिभिस: ||*

🙏🏻 *उसके घर में लक्ष्मी स्थिर हो जाती है | जो इन बारह नामों को इन दिनों में पठन करें |*

आचार्य आशुकवि पङ्कज ऊमर 

अंतराष्ट्रीय शोधार्थी भारत

ज्योतिष गुप्तचर विभाग दिल्ली

रविवार, 11 अप्रैल 2021

13-अप्रैल चैत्र नवरात्रि की सम्पूर्ण पूजन विधि

 🌷 13-अप्रैल चैत्र नवरात्रि की सम्पूर्ण पूजन विधि


*🌷

1- कलश / घट स्थापना विधि घट स्थापना शुभ मुहूर्त 

*13 अप्रैल 2021 मंगलवार को सुबह  06:21 से 10:16 तक* अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:14 से दोपहर 01:04 तक* 

2- देवी पुराण के अनुसार मां भगवती की पूजा-अर्चना करते समय सर्वप्रथम कलश / घट की स्थापना की जाती है। घट स्थापना करना अर्थात नवरात्रि की कालावधि में ब्रह्मांड में कार्यरत शक्ति तत्त्व का घट में आवाहन कर उसे कार्यरत करना । कार्यरत शक्ति तत्त्व के कारण वास्तु में विद्यमान कष्टदायक तरंगें समूल नष्ट हो जाती है। धर्मशास्त्रों के अनुसार कलश को सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है। कलश के मुख में विष्णुजी का निवास, कंठ में रुद्र तथा मूल में ब्रह्मा स्थित हैं और कलश के मध्य में दैवीय मातृशक्तियां निवास करती हैं।*

4-  सामग्री:*

👉🏻 *जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र*

👉🏻 *जौ बोने के लिए शुद्ध साफ़ की हुई मिटटी*

👉🏻 *पात्र में बोने के लिए जौ*

👉🏻 *घट स्थापना के लिए मिट्टी का कलश (“हैमो वा राजतस्ताम्रो मृण्मयो वापि ह्यव्रणः” अर्थात 'कलश' सोने, चांदी, तांबे या मिट्टी का छेद रहित और सुदृढ़ उत्तम माना गया है । वह मङ्गलकार्योंमें मङ्गलकारी होता है )*

👉🏻 *कलश में भरने के लिए शुद्ध जल, गंगाजल*

*मौली (Sacred Thread) *इत्र* ,साबुत सुपारी ,दूर्वा*

*कलश में रखने के लिए कुछ सिक्के*, पंचरत्न*, अशोक या आम के 5 पत्ते ,कलश ढकने के लिए ढक्कन*,ढक्कन में रखने के लिए बिना टूटे चावल*, पानी वाला नारियल*

नारियल पर लपेटने के लिए लाल कपडा*, फूल माला*

5- विधि

*सबसे पहले जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र लें। इस पात्र में मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब एक परत जौ की बिछाएं। इसके ऊपर फिर मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब फिर एक परत जौ की बिछाएं। जौ के बीच चारों तरफ बिछाएं ताकि जौ कलश के नीचे न दबे। इसके ऊपर फिर मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब कलश के कंठ पर मौली बाँध दें। कलश के ऊपर रोली से ॐ और स्वास्तिक लिखें। अब कलश में शुद्ध जल, गंगाजल कंठ तक भर दें। कलश में साबुत सुपारी, दूर्वा, फूल डालें। कलश में थोडा सा इत्र डाल दें। कलश में पंचरत्न डालें। कलश में कुछ सिक्के रख दें। कलश में अशोक या आम के पांच पत्ते रख दें। अब कलश का मुख ढक्कन से बंद कर दें। ढक्कन में चावल भर दें। श्रीमद्देवीभागवत पुराण के अनुसार “पञ्चपल्लवसंयुक्तं वेदमन्त्रैः सुसंस्कृतम्। सुतीर्थजलसम्पूर्णं हेमरत्नैः समन्वितम्॥” अर्थात कलश पंचपल्लवयुक्त, वैदिक मन्त्रों से भली भाँति संस्कृत, उत्तम तीर्थ के जल से पूर्ण और सुवर्ण तथा पंचरत्न मई होना चाहिए।*

       नारियल पर लाल कपडा लपेट कर मौली लपेट दें। अब नारियल को कलश पर रखें। शास्त्रों में उल्लेख मिलता है: “अधोमुखं शत्रु विवर्धनाय,ऊर्ध्वस्य वस्त्रं बहुरोग वृध्यै। प्राचीमुखं वित विनाशनाय,तस्तमात् शुभं संमुख्यं नारीकेलं”। अर्थात् नारियल का मुख नीचे की तरफ रखने से शत्रु में वृद्धि होती है।नारियल का मुख ऊपर की तरफ रखने से रोग बढ़ते हैं, जबकि पूर्व की तरफ नारियल का मुख रखने से धन का विनाश होता है। इसलिए नारियल की स्थापना सदैव इस प्रकार करनी चाहिए कि उसका मुख साधक की तरफ रहे। ध्यान रहे कि नारियल का मुख उस सिरे पर होता है, जिस तरफ से वह पेड़ की टहनी से जुड़ा होता है।*

🙏🏻 *अब कलश को उठाकर जौ के पात्र में बीचो बीच रख दें। अब कलश में सभी देवी देवताओं का आवाहन करें। "हे सभी देवी देवता और माँ दुर्गा आप सभी नौ दिनों के लिए इसमें पधारें।" अब दीपक जलाकर कलश का पूजन करें। धूपबत्ती कलश को दिखाएं। कलश को माला अर्पित करें। कलश को फल मिठाई अर्पित करें। कलश को इत्र समर्पित करें।*

5- कलश स्थापना के बाद माँ दुर्गा की चौकी स्थापित की जाती है।*

     नवरात्रि के प्रथम दिन एक लकड़ी की चौकी की स्थापना करनी चाहिए। इसको गंगाजल से पवित्र करके इसके ऊपर सुन्दर लाल वस्त्र बिछाना चाहिए। इसको कलश के दायीं ओर रखना चाहिए। उसके बाद माँ भगवती की धातु की मूर्ति अथवा नवदुर्गा का फ्रेम किया हुआ फोटो स्थापित करना चाहिए। मूर्ति के अभाव में नवार्णमन्त्र युक्त यन्त्र को स्थापित करें। माँ दुर्गा को लाल चुनरी उड़ानी चाहिए। माँ दुर्गा से प्रार्थना करें "हे माँ दुर्गा आप नौ दिन के लिए इस चौकी में विराजिये।" उसके बाद सबसे पहले माँ को दीपक दिखाइए। उसके बाद धूप, फूलमाला, इत्र समर्पित करें। फल, मिठाई अर्पित करें।*

6- नवरात्रि में नौ दिन मां भगवती का व्रत रखने का तथा प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का विशेष महत्व है। हर एक मनोकामना पूरी हो जाती है। सभी कष्टों से छुटकारा दिलाता है।

7 नवरात्रि के प्रथम दिन ही अखंड ज्योत जलाई जाती है जो नौ दिन तक जलती रहती है। दीपक के नीचे "चावल" रखने से माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है तथा "सप्तधान्य" रखने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते है*

8- माता की पूजा "लाल रंग के कम्बल" के आसन पर बैठकर करना उत्तम माना गया है*

9- नवरात्रि के प्रतिदिन माता रानी को फूलों का हार चढ़ाना चाहिए। प्रतिदिन घी का दीपक (माता के पूजन हेतु सोने, चाँदी, कांसे के दीपक का उपयोग उत्तम होता है) जलाकर माँ भगवती को मिष्ठान का भोग लगाना चाहिए। मान भगवती को इत्र/अत्तर विशेष प्रिय है।*

10- नवरात्रि के प्रतिदिन कंडे की धुनी जलाकर उसमें घी, हवन सामग्री, बताशा, लौंग का जोड़ा, पान, सुपारी, कर्पूर, गूगल, इलायची, किसमिस, कमलगट्टा जरूर अर्पित करना चाहिए।*

11- लक्ष्मी प्राप्ति के लिए नवरात्रि  में  पान और  गुलाब की ७ पंखुरियां रखें तथा मां भगवती को अर्पित कर दें*

12-मां दुर्गा को प्रतिदिन विशेष भोग लगाया जाता है। किस दिन किस चीज़ का भोग लगाना है ये हम विस्तार में आगे बताएँगे।*

13- प्रतिदिन कन्याओं का विशेष पूजन किया जाता है। श्रीमद्देवीभागवत पुराण के अनुसार “एकैकां पूजयेत् कन्यामेकवृद्ध्या तथैव च। द्विगुणं त्रिगुणं वापि प्रत्येकं नवकन्तु वा॥” अर्थात नित्य ही एक कुमारी का पूजन करें अथवा प्रतिदिन एक-एक-कुमारी की संख्या के वृद्धिक्रम से पूजन करें अथवा प्रतिदिन दुगुने-तिगुने के वृद्धिक्रम से और या तो प्रत्येक दिन नौ कुमारी कन्याओं का पूजन करें।*

14- यदि कोई व्यक्ति नवरात्रि  पर्यन्त प्रतिदिन पूजा करने में असमर्थ हैं तो उसे अष्टमी तिथि को विशेष रूप से अवश्य पूजा करनी चाहिए।  प्राचीन काल में दक्ष के यज्ञ का विध्वंश करने वाली महाभयानक भगवती भद्रकाली करोङों योगिनियों सहित अष्टमी तिथि को ही प्रकट हुई थीं। अधिक जानकारी के लिए फॉलो करें। 

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आचार्य आशुकवि पङ्कज ऊमर

अंतराष्ट्रीय शोधार्थी भारत 

ज्योतिष गुप्तचर विभाग दिल्ली

शनिवार, 3 अप्रैल 2021

आइये पारिवारिक कलहनाशक प्रयोग सिद्ध करे।

 आइये पारिवारिक कलहनाशक प्रयोग सिद्ध करे।


 👉🏻 *पति-पत्नी में झगड़ा हो गया हो और उसका शमन करना हो तो पति-पत्नी दोनों पार्वतीजी को तिलक करके उनकी ओर एकटक देखें तथा प्रार्थना करें | अगर पति पत्नी को निकाल देना चाहता है तो पत्नी यह प्रयोग करें | इससे झगड़ा शांत हो जायेगा |

आचार्य आशुकवि पङ्कज ऊमर

अंतराष्ट्रीय शोधार्थी भारत 

ज्योतिष गुप्तचर विभाग दिल्ली

आइये सौभाग्य-रक्षा और सुख-शांति व समृद्धि बढ़ाने हेतु

 🌷 *आइये सौभाग्य-रक्षा और सुख-शांति व समृद्धि बढ़ाने हेतु एक प्रयोग सीखे..👩🏻 माताएँ-बहनें रोज स्नान के बाद पार्वती माता का स्मरण करते-करत...