आइये काले घोड़े की नाल से दूर करे अपनी समस्या
ऐसा कहा जाता हैं कि घोड़ा जब लगातार चलते रहता है तो उसके पैर के खुर घिसने लगते है, घोड़े के खुरों को घिसने से बचाने के लिए ही पैर के खुर में अर्धचन्द्र आकार की लोहे की प्लेट लगाई जाती है, कुछ समय बाद जब घोडे के पैर में प्लेट जब घिस जाती है तो इसे बदल दिया जाता है, इस घिसी हुई प्लेट को ही काले घोड़े की नाल कहा जाता है, लेकिन इसे काले घोड़े की नाल तभी कहा जायेगा जबकि यह किसी काले घोड़े के खुर से निकाली गयी हो । काले घोड़े की इस अँगूठी को बनाने में इन बातों का ध्यान रखना चाहिए ।
1- काले घोड़े की इस लोहे की नाल को शनिवार के दिन ही लेना चाहिए ।
2- लोहे की इस विशेष अँगूठी को बनाना भी शनिवार के दिन ही चाहिए ।
3- जब अँगूठी को बनाया जाये तो ध्यान रखे कि इसको अग्नि में गर्म नहीं करें ।
4- अँगूठी को धारण भी शनिवार के दिन ही करना चाहिए ।
5- इस अँगूठी को दायें हाथ की मध्यमा उंगली में ही धारण करना चाहिए ।
6- घर के सदस्यों में एक से अधिक पर शनि की दशा होने पर घर के मुख्य द्वार के बाहर घोड़े की नाल को शनिवार के दिन गाड़ देना चाहिए ।
7- व्यापार अथवा दुकान में वृद्धि के लिए काले घोड़े की नाल को मुख्य दरवाजे के बहार U आकार में लगाना चाहिए ।
8- बीमारी में सुधार लाने के लिए काले घोड़े की नाल से बनी चार कील, सवा किलों उड़द की दाल एवं एक सूखा नारियल के साथ रखकर स्वयं रोगी के द्वारा बहते हुए पानी में बहा देना चाहिए ।
9- घोड़े की नाल को तिजोरी में रखने से धन में वृद्धि होने लगती है
आचार्य आशुकवि पङ्कज ऊमर
अंतराष्ट्रीय शोधार्थी भारत
ज्योतिष गुप्तचर विभाग दिल्ली