शनिवार, 25 जुलाई 2020

26 जुलाई विजया सप्तमी में दान, जप,हवन अनन्त गुणा लाभकारी है ......

🌷 *26 जुलाई विजया सप्तमी में दान, जप,हवन अनन्त गुणा लाभकारी है इसे रविवार की सप्तमी भानु सप्तमी भी कहते है। *शास्त्रों में रविवार के दिन आने वाली सप्तमी को सूर्यग्रहण के समान पुण्यदायी बताया है। इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है और सैकड़ों जन्मों तक इसका फल प्राप्त होता है।*भविष्यपुराण, मध्यमपर्व, अध्याय 8 में कहा गया है*
🌷 *शुक्ला वा यदि वा कृष्णा षष्ठी वा सप्तमी तु वा । रविवारेण संयुक्ता तिथिः पुण्यतमा स्मृता ।।*
➡ *शुक्ल या कृष्ण पक्षकी षष्ठी या सप्तमी रविवार से युक्त हो तो वह महान पुण्यदायिनी है |*
🙏🏻 *ब्रह्मपुराण, अध्याय 29 के अनुसार*
🌷 *शुक्लपक्षस्य सप्तम्यां यदादित्यदिनं भवेत्॥ २९.२९ ॥* *सप्ती विजया नाम तत्र दत्तं महत् फलम्। स्नानं दानं तपो होम उपवासस्तथैव च॥ २९.३० ॥*
*सर्व्वं विजयसप्तम्यां महापातकनाशनम्।*
🙏🏻 *जब शुक्लपक्ष की सप्तमी को रविवार हो, उस दिन विजयासप्तमी होती है। उसमें दिया हुआ दान महान फल देने वाला है। विजयासप्तमी को किया हुआ स्नान, दान, तप, होम और उपवास सब बड़े बड़े पातकों का नाश करने वाला है।*
🙏🏻 *भविष्यपुराण, ब्राह्मपर्व, अध्याय 81 के अनुसार*
🌷 *शुक्लपक्षस्य सप्तम्यां सूर्यवारो भवेद्यदि । सप्तमी विजया नाम तत्र दत्तं महाफलम् । । २*
*स्नानं दान तथा होमं उपवासस्तथैव च। सर्वं विजयसप्तम्यां महापातकनाशनम् । । ३*
*पञ्चम्यामेकभक्तं स्यात्पष्ठ्यां नक्तं प्रचक्षते । उपवासस्तु सप्तम्यामष्टम्यां पारणं भवेत् । । ४*
🙏🏻 *यदि शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रविवार हो तो उसे विजया सप्तमी कहते हैं | उस दिन किया गया स्नान, दान, होम, उपवास, पूजन आदि सत्कर्म महापातकों का विनाश करता है | इस विजया-सप्तमी-व्रत में पंचमी तिथि को दिन में एकभुक्त रहे, षष्ठी तिथि को नक्तव्रत करे और सप्तमी को पूर्ण उपवास करे, तदनन्तर अष्टमी के दिन व्रत की पारणा करे | इस तिथि के दिन किया गया दान, हवन, देवता तथा पितरों का पूजन अक्षय होता है |
आचार्य आशुकवि पङ्कज ऊमर

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