रविवार, 31 जनवरी 2021

विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए

🌷 *विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए* 🌷


👉 *आज 31 जनवरी 2021 रविवार को संकष्ट चतुर्थी ये जरूर करे  (चन्द्रोदय रात्रि 09:05)*शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :*

🌷 *ॐ गं गणपते नमः ।*

🌷 *ॐ सोमाय नमः ।*

आचार्य आशुकवि पङ्कज ऊमर 

अंतराष्ट्रीय शोधार्थी भारत 

ज्योतिष गुप्तचर विभाग दिल्ली

बुधवार, 27 जनवरी 2021

 Couple and Married Life Partner lab Testing Perfect Thinking Like & Dislike, personality , Compatibility ,Brain Lobes and their Functions, High Neuron Activity, Acquiring Style  by science technology finger prints and Horoscope.


मारण वशीकरण उच्चाटन सम्मोहन आकर्षण आदि को दूर करे

 मारण वशीकरण  उच्चाटन  सम्मोहन आकर्षण आदि को दूर करे 


तंत्र का लक्षण : मन काबू में ना होना , नेत्र में रक्त निल वर्ण के के कड दिखना , बकवास करना , लगातार बीमार रहना नींद ना आना , मेडिकल के सरे रिपोर्ट नार्मल होना ,अचानक दुर्घटना ,जानवरो का शोर होना लगातार घर में मृत्यु होना , चककर आना , कोर्ध आना , किसी का बात न सुनना,शादी टूटना, संतान न होना , पति पत्नी में झगड़ा होना आदि! 

यैसा होना आज के समय में आम बात है लेकिन जब बिना प्रयोजन कारण ये प्रभाव दिखे तो उसका निवारण उच्चाटन तुरंत करना आवश्यक होता है, नहीं तो उसका निवारण असम्भव हो जाता है ! इसके लिए सिद्ध पुरुष की शरण जाना चाहिए खुद से प्रयोग करने से बचे नहीं तो अज्ञानता वश ये विकराल रूप भी धारण कर सकती है इसके संदर्भ में अधिक जानकारी  के लिए सम्पर्क करे 

मो० ७६६८३१९९७७ बिना अनुमति कॉल न करे !

आचार्य आशुकवि पंकज उमर

अंतराष्ट्रीय शोधार्थी भारत 

ज्योतिष गुप्तचर विभाग दिल्ली

सोमवार, 25 जनवरी 2021

आज की हमारी पूरी चर्चा आर्द्रा नक्षत्र पर आधारित रहेगी।


 आज की हमारी पूरी चर्चा आर्द्रा नक्षत्र पर आधारित रहेगी। यह आकाश मंडल का छठवां नक्षत्र है। आर्द्रा नक्षत्र के स्वामी ग्रह राहु है, और इस नक्षत्र के देवता  रूद्र है, रूद्र शिव का ही एक नाम है,  और इस नक्षत्र के राशि स्वामी बुध होते है। अब क्योंकि ये नक्षत्र मिथुन राशि में सम्मलित है, और मिथुन राशि की स्वामी बुध है, यही वजह है कि इन लोगों पर बुध का सीधा प्रभाव देखने को मिलता है। आर्द्रा नक्षत्र मिथुन राशि में 6 डिग्री 40 मिनट से 20 डिग्री तक रहता है। इस नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह आंसू की बूंद को माना गया, आद्रा का अर्थ होता है नमी अर्थात शीलन. 

आर्दा नक्षत्र का स्वामित्व  राहु के पास होने के कारण इन जातकों में राहु ग्रह से जुड़े बहुत से लक्षण और गुण देखने को मिलते है और इस नक्षत्र का  पूरा समावेश मिथुन राशि के अंदर आता है और मिथुन राशि के स्वामी बुध देव है इस कारण इस नक्षत्र के लोगों में बुध का प्रभाव भी देखने को मिलता है। इस नक्षत्र के लोगों को बुध का साथ मिलने के कारण यह  अपनी बुद्धि कौशल के बल पर कठिन से कठिन कार्यों में सफल होते है। बुध देव को कैल्कुलेशन, इंजीनियरिंग, और बिज़नेस से जोड़कर देखा जाता है, इसलिए आर्द्रा नक्षत्र के जातक ज्यादातर Mathematical operations से जुड़े जाँब में देखे जाते है। आर्द्रा नक्षत्र के जातक Mathematics, accounts, Commerce की field से जुड़े होते है, क्योंकि इस नक्षत्र के लोगों को पढना और पढाना बहुत अच्छा लगता है। आर्द्रा नक्षत्र के लोगों के अंदर राहु और बुध दोनो की अच्छी ऊर्जा देखने को मिलती है  और यही ऊर्जा इन्हे जीवन में ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करती है।

इस नक्षत्र को थोड़ा और विस्तार से समझते है जैसा मैंने पहले कहा की इस नक्षत्र का सिंबल tear drop मतलब आसूं की बूँद को माना गया है और आंसू को भावनाओं का प्रतिरूप माना गया है, क्योंकि आंसु जब बहते है तब हमारे अंदर की निगेटिव ऊर्जा, मन में भरा क्रोध यह सब आंसु के माध्यम से निकल जाता है और जैसे ही आंसु बह जाते है तो हमारा मन बिल्कुल साफ हो जाता है और मन में एक नई फ्रेसनेस (ताजगी) का अहसास हो जाता है।

आर्द्रा नक्षत्र के लोगों में भावुकता ज्यादा होती है क्योंकि यह लोग दिल के बहुत ही साफ होते है, और इसी कारण लोगों की बातों में बहुत ही जल्दी आ जाते है। यह लोग बहुत ही खुशनुमा स्वभाव के होते है और यह बहुत ही ज्यादा जिज्ञासु भी होते है क्योंकि इन्हें हर चीज के बारे में जानना अच्छा लगता है। इन लोगों को जिस विषय में जानकारी नही होती है तो उसके बारे में पुछने में यह बिल्कुल भी संकोच नही करते है और उस विषय के जानकार से ज्ञान को अर्जित करते है तथा अपनी जिज्ञासा को शांत करते है। राहु और बुध की ऊर्जा इन लोगों की बहुत इंटेलीजेंट बनाती है। इन लोगों का नेचर थोडा सा बच्चों के जैसा होता है इन्हे खुश रहना ही अधिक पसंद होता है, परंतु अचानक से कुछ देर में नाराज भी हो जाते है। इनका जीवन बहुत ही परिवर्तन शील होता है । आर्द्रा नक्षत्र के लोगों की जिन्दगी बदलावों से  भरी होती है और यह निर्णय लेने में बिल्कुल भी देरी नही करते है क्योंकि इनको भी बदलाव पसंद होता है। आर्दा नक्षत्र के लोग बहुत इंटेलीजेंस होते है और इन लोगों का नेचर हेल्पफूल होता है। बुसिनेस सम्बंधित टैलेंट की बात करें तो बिज़नेस करने के गुण इनमें बहुत ज्यादा होते है क्योंकि बुध हमेशा इनके सपोर्ट में रहते है जिससे यह बिजनेस में काफी आगे तक जाते है। आर्द्रा नक्षत्र के लोगों में बुध और राहु का प्रभाव होने के कारण यह राजनीति में भी अच्छे राजनेता साबित होते है।

आर्द्रा नक्षत्र के लोगों में इस बात का थोड़ा सा ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह कभी कभी आवेग में आकर ऐसे फाइनेंशियल डिसीजन (Financial decision)ले लेते है जिससे थोड़ी बहुत हानि मतलब -Financial losses का सामना भी करना पड़ सकता है। आर्द्रा नक्षत्र के लोगों का लगाव Creative Business) में बहुत ज्यादा होता है, इसलिए ये लोग ऐसे बिज़नेस या जॉब में अधितकर मिलेंगे जहाँ ये अपनी क्रिएटिविटी दिखा पाएं, आर्द्रा नक्षत्र के लोग एकाउंट्स, electronics engineering, pharmacist, Ordnance department, Arms department, writer, editor की जॉब करते या इनसे सम्बंधित बिज़नेस करते है  

आर्द्रा नक्षत्र के जो लोग चिकित्सा के क्षेत्र से भी जुड़े होते है जैसे होमियोपैथी दवाईयां, आयुर्वैदिक दवाईयाँ से सम्बंधित कार्यों से जुड़े होते है,  इसके साथ-साथ जो लोग कीमोथेरेपी Chemotherapy करते है वह भी आर्द्रा नक्षत्र से संबंध रखते है। Software engineering, electrical engineer, software developer, animation में कैरियर बनाने  वाले लोग भी आर्दा नक्षत्र से संबंध रखते है क्योंकि कही न कही इस नक्षत्र के लोगों में राहु और बुध की इनर्जी का प्रभाव देखने को मिलता है।

अधिक जानकारी  से 

आचार्य आशुकवि पङकज उमर

अंतराष्ट्रीय शोधार्थी भारत 

ज्योतिष गुप्तचर विभाग दिल्ली 

मोबाइल न० 7668319977

आइये प्रणव’ (ॐ) की महिमा जाने R (चतुर्दशी आर्द्रा नक्षत्र योग : 26 जनवरी 2021 रात्रि को 01:12 से प्रातः 03:12 तक अर्थात् 27 जनवरी 2021 01:12 AM से 03:12 AM तक)

 आइये  प्रणव’ (ॐ) की महिमा जाने R (चतुर्दशी आर्द्रा नक्षत्र योग : 26 जनवरी 2021  रात्रि को 01:12 से प्रातः 03:12 तक अर्थात्  27 जनवरी 2021 01:12 AM से 03:12 AM तक)


🙏🏻 सूतजी ने ऋषियों से कहा : “महर्षियों ! ‘प्र’ नाम है प्रकृति से उत्पन्न संसाररूपी महासागर का | प्रणव इससे पार करने के लिए (नव) नाव है | इसलिए इस ॐकार को ‘प्रणव’ की संज्ञा देते हैं | ॐकार अपना जप करनेवाले साधकों से कहता है – ‘प्र –प्रपंच, न – नहीं है, व: - तुम लोगों के लिए |’ अत: इस भाव को लेकर भी ज्ञानी पुरुष ‘ॐ’ को ‘प्रणव’ नाम से जानते हैं | इसका दूसरा भाव है : ‘प्र – प्रकर्षेण, न – नयेत, व: -युष्मान मोक्षम इति वा प्रणव: | अर्थात यह तुम सब उपासकों को बलपूर्वक मोक्ष तक पहुँचा देगा|’ इस अभिप्राय से भी ऋषि-मुनि इसे ‘प्रणव’ कहते हैं | अपना जप करनेवाले योगियों के तथा अपने मंत्र की पूजा करनेवाले उपासको के समस्त कर्मो का नाश करके यह उन्हें दिव्य नूतन ज्ञान देता है, इसलिए भी इसका नाम प्रणव – प्र (कर्मक्षयपूर्वक) नव (नूतन ज्ञान देनेवाला) है |

🙏🏻 इस मायारहित महेश्वर को ही नव अर्थात नूतन कहते हैं | वे परमात्मा प्रधान रूप से नव अर्थात शुद्धस्वरुप है, इसलिए ‘प्रणव’ कहलाते हैं | प्रणव साधक को नव अर्थात नवीन (शिवस्वरूप) कर देता है, इसलिए भी विद्वान पुरुष इसे प्रणव के नाम से जानते हैं  अथवा प्र – प्रमुख रूप से नव – दिव्य परमात्म – ज्ञान प्रकट करता है, इसलिए यह प्रणव है |

🙏🏻 यद्यपि जीवन्मुक्त के लिए किसी साधन की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वह सिद्धरुप है, तथापि दूसरों की दृष्टि में जब तक उसका शरीर रहता है,  उसके द्वारा प्रणव – जप की सहज साधना स्वत: होती रहती है | वह अपनी देह का विलय होने तक सूक्ष्म प्रणव मंत्र का जप और उसके अर्थभूत परमात्म-तत्त्व का अनुसंधान करता रहता है | जो अर्थ का अनुसंधान न करके केवल मंत्र का जप करता है, उसे निश्चय ही योग की प्राप्ति होती है | जिसने इस मंत्र का ३६ करोड़ जप कर लिया हो, उसे अवश्य ही योग प्राप्त हो जाता है | ‘अ’ शिव है, ‘उ’ शक्ति है और ‘मकार’ इन दोनों की एकता यह त्रितत्त्वरूप है, ऐसा समझकर ‘ह्रस्व प्रणव’ का जप करना चाहिए | जो अपने समस्त पापों का क्षय करना चाहते हैं, उनके लिए इस ह्रस्व प्रणव का जप अत्यंत आवश्यक है |

🙏🏻 वेद के आदि में और दोनों संध्याओं की उपासना के समय भी ॐकार का उच्चारण करना चाहिए | भगवान शिव ने भगवान ब्रम्हाजी और भगवान विष्णु से कहा : “मैंने पूर्वकाल में अपने स्वरूपभूत मंत्र का उपदेश किया है, जो ॐकार के रूप में प्रसिद्ध है | वह महामंगलकारी मंत्र है | सबसे पहले मेरे मुख से ॐकार ( ॐ ) प्रकट हुआ, जो मेरे स्वरूप का बोध करानेवाला है | ॐकार वाचक है और मैं वाच्य हूँ | यह मंत्र मेरा स्वरुप ही है | प्रतिदिन ॐकार का निरंतर स्मरण करने से मेरा ही सदा स्मरण होता है |

🙏🏻 मुनीश्वरो ! प्रतिदिन दस हजार प्रणवमंत्र का जप करें अथवा दोनों संध्याओं के समय एक-एक हजार प्रणव का जप किया करें | यह क्रम भी शिवप्रद की प्राप्ति करानेवाला है |

🙏🏻 ‘ॐ’ इस मंत्र का प्रतिदिन मात्र एक हजार जप करने पर सम्पूर्ण मनोरथों की सिद्धि होती है |

🙏🏻 प्रणव के ‘अ’ , ‘उ’ और ‘म’ इन तीनों अक्षरों से जीव और ब्रम्ह की एकता का प्रतिपादन होता है – इस बात को जानकर प्रणव ( ॐ ) का जप करना चाहिए | जपकाल में यह भावना करनी चाहिए कि ‘हम तीनों लोकों की सृष्टि करनेवाले ब्रम्हा, पालन करनेवाले विष्णु तथा संहार करनेवाले रुद्र जो स्वयंप्रकाश चिन्मय हैं, उनकी उपसना करते हैं | यह ब्रम्हस्वरूप ॐकार हमारी कर्मेन्द्रियों और ज्ञानेन्द्रियों की वृत्तियों को, मन की वृत्तियों को तथा बुद्धि की वृत्तियों को सदा भोग और मोक्ष प्रदान करनेवाले धर्म एवं ज्ञान की ओर प्रेरित करें | प्रणव के इस अर्थ का बुद्धि के द्वारा चिंतन करता हुआ जो इसका जप करता है, वह निश्चय ही ब्रम्ह को प्राप्त कर लेता है | अथवा अर्थानुसंधान के बिना भी प्रणव का नित्य जप करना चाहिए | 🙏🏻 (‘शिव पुराण’ अंतर्गत विद्धेश्वर संहिता से संकलित)

👉🏻 भिन्न-भिन्न काल में ‘ॐ’ की महिमा

➡ आर्दा नक्षत्र से युक्त चतुर्दशी के योग में (दिनांक 26 जनवरी 2021 को रात्रि 01:12 से प्रातः 03:12 तक अर्थात्  27 जनवरी 2021 01:12 AM से 03:12 AM तक) प्रणव का जप किया जाय तो वह अक्षय फल देनेवाला होता है |

आचार्य आशुकवि पङकज उमर

अंतराष्ट्रीय शोधार्थी भारत 

ज्योतिष गुप्तचर विभाग दिल्ली 

मोबाइल न० 7668319977

रविवार, 24 जनवरी 2021

प्रेमी के चित्र में छाती पर सर्प बैठा के लिया गया वशीकरण


 प्रेमी के चित्र में छाती पर सर्प बैठा के लिया गया वशीकरण बंधन विफल होने पर वह प्रतिशोध की भावना से प्रेमी के चित्र पर बैठे मंत्र रूपी सर्प से प्रेमी को डंसाती है आइये इस तंत्र का नाश करे.....

*गूगल पिली सरसो का तत्काल धुप करे 

*वडवानल स्त्रोत्र का पथ करे 

*कपूर के अर्क में रहे

*और तत्काल इसकी उच्चाटन कराये जानकारी के लिए सम्पर्क करे 

आचार्य आशुकवि पङकज उमर

अंतराष्ट्रीय शोधार्थी भारत 

ज्योतिष गुप्तचर विभाग दिल्ली 

मोबाइल न० 7668319977

आइये लड़की की शादी नहीं हो रही हो

 आइये लड़की की शादी नहीं हो रही हो


तो करें यह उपाय 

*और रामायण जी की महा मन्त्र चौपाई बोले

🌸🌸 जय जय गिरिवर राज किशोरी

जय महेश मुख चंद्र चकोरी

* बेटी बाएं हाथ की सबसे छोटी उंगली के ऊपरी हिस्से में गुरुवार को मेहंदी लगाएं ल

*रात को 🛏️सोने से पहले अपने इष्ट का, गुरु का और मां पार्वती का सुमिरन करके सोए l

 मंत्र बोले  🌹ओम पार्वत्यै नमः 🌹ओम अंबिकाएं नमः  🌹ओम उमाये: नमः🌹ओम शंकर प्रियाये नमः

अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करे _

आचार्य आशुकवि पङकज उमर

अंतराष्ट्रीय शोधार्थी भारत 

ज्योतिष गुप्तचर विभाग दिल्ली 

*

सोमवार, 18 जनवरी 2021

*💦📿 रोगी भी निरोगी होने लगेगा

 *💦📿 रोगी भी निरोगी होने लगेगा पानी में देखकर ये जप करते हुए 💦जल दें, मंत्र  रं रुद्राय नमः* 👉 6 महीने तक रोज 📿 एक माला जप करके यह मंत्र सिद्ध कर ले और फिर किसी भी रोगी को पानी में देखकर जप करते हुए वह जल देंगे तो वह स्वस्थ होने लगेगा l


रविवार, 17 जनवरी 2021

🌷 *बेटी की शादी ना हो रही

 🌷 *बेटी की शादी ना हो रही


तो क्या करे ओर हो गयी तो कष्ट है तो ये प्रयोग करें।* 🌷

👉🏻 *अगर कोई कष्ट है तो ऐसा नहीं सोचना की ये कष्ट सदा रहेगा …*

👩🏼 *बेटी की शादी नहीं हो रही तो पिता गुड़ मिश्रित जल से सूर्य नारायण को अर्घ्य दें, बेटी की शादी जल्दी हो जायेगी…।*

*उत्तर दिशा में  मुख करके “ॐ ह्रीं गौरियाय नमः” ये मन्त्र का जप करें तो शादी जल्दी होगी…घर वर अच्छा मिलेगा॥*

👩🏼 *बेटी को शादी के बाद ससुराल में  कोई कष्ट दे रहा है तो बेटी को सिखा दें  की हर महिने शुक्ल पक्ष की तृतीया को बिना नमक का भोजन करें और प्रार्थना करें की अमुक व्यक्ति मुझे कष्ट देते हैं, उनको सदबुद्धि दे की मुझे कष्ट ना दे… “ॐ ह्रीं ॐ” मन्त्र का जप करें …… शिव गीता का पाठ करें …. तकलीफ मिट जायेगी….

शनिवार, 16 जनवरी 2021

####आइये मन की शान्ति करे

 ####आइये मन की शान्ति करे 

🌿 *मोर पंख आसन/बेड/कुशन  के नीचे रखने से मन में शान्ति मिलती है।


बुधवार, 13 जनवरी 2021

🌷 *उत्तरायण / सूर्य मंत्र* 🌷

 🌷 *उत्तरायण / सूर्य मंत्र* 🌷


🙏🏻 *इसका जप करें । वो ब्रह्मवेत्ता महाव्याधि और भय, दरिद्रता और पाप  से मुक्त हो जाता है ।*

🌞 *सूर्य देव का मूल मंत्र है --*

🌷 *ॐ ह्रां ह्रीं सः सूर्याय नमः ।*

🙏🏻 *ये पद्म पुराण में आता है ....*

🌞 *सूर्य नमस्कार करने से ओज, तेज और बुद्धि की बढोत्तरी होती है |*

🌷 *ॐ सूर्याय नमः ।*

🌷 *ॐ रवये नमः ।*

🌷 *ॐ भानवे  नमः ।*

🌷 *ॐ  खगाय नमः ।*

🌷 *ॐ अर्काय नमः ।*

🙏🏻 *सूर्य नमस्कार करने से आदमी ओजस्वी, तेजस्वी और बलवान बनता है इसमें प्राणायाम भी हो जाते हैं ।*

💥 *विशेष -14 जनवरी 2021 गुरुवार को मकर संक्रांति (पुण्यकाल : सुबह 08:16 से शाम 04:16 तक ) है ।

🌷 *मकर संक्रांति* 🌷

🌷 *नारद पुराण के अनुसार*

*“मकरस्थे रवौ गङ्गा यत्र कुत्रावगाहिता । पुनाति स्नानपानाद्यैर्नयन्तीन्द्रपुरं जगत् ।।”*

🌞 *सूर्य के मकर राशिपर रहते समय जहाँ कहीं भी गंगा में स्नान किया जाय , वह स्नान आदि के द्वारा सम्पूर्ण जगत्‌‍ को पवित्र करती और अन्त में इन्द्रलोक पहुँचाती है।* 

🌷 *पद्मपुराण के सृष्टि खंड अनुसार मकर संक्रांति में स्नान करना चाहिए। इससे दस हजार गोदान का फल प्राप्त होता है। उस समय किया हुआ तर्पण, दान और देवपूजन अक्षय होता है।*

🌷 *गरुड़पुराण के अनुसार मकर संक्रान्ति, चन्द्रग्रहण एवं सूर्यग्रहण के अवसर पर गयातीर्थ में जाकर पिंडदान करना तीनों लोकों में दुर्लभ है।* 

👉🏻 *मकर संक्रांति के दिन लक्ष्मी प्राप्ति व रोग नाश के लिए गोरस (दूध, दही, घी) से भगवान सूर्य, विपत्ति तथा शत्रु नाश के लिए तिल-गुड़ से भगवान शिव, यश-सम्मान एवं ज्ञान, विद्या आदि प्राप्ति के लिए वस्त्र से देवगुरु बृहस्पति की पूजा महापुण्यकाल / पुण्यकाल में करनी चाहिए।*

👉🏻 *मकर संक्रांति के दिन तिल (सफ़ेद तथा काले दोनों) का प्रयोग तथा तिल का दान विशेष लाभकारी है। विशेषतः तिल तथा गुड़ से बने मीठे पदार्थ जैसे की रेवड़ी, गजक आदि। सुबह नहाने वाले जल में भी तिल मिला लेने चाहिए।*

🌷 *विष्णु पुराण, द्वितीयांशः अध्यायः 8 के अनुसार*

*कर्कटावस्थिते भानौ दक्षिणायनमुच्यते । उत्तरायणम्प्युक्तं मकरस्थे दिवाकरे ।।*

🌞 *सूर्य के ‪‎कर्क‬ राशि में उपस्थित होने पर ‪‎दक्षिणायन‬ कहा जाता है और उसके ‪मकर ‬राशि पर आने से ‪उत्तरायण‬ कहलाता है ॥*

🌷 *धर्मसिन्धु के अनुसार*

*तिलतैलेन दीपाश्च देया: शिवगृहे शुभा:। सतिलैस्तण्डुलैर्देवं पूजयेद्विधिवद् द्विजम्।। तस्यां कृष्ण तिलै: स्नानं कार्ये चोद्वर्त्नम तिलै: . तिला देवाश्च होतव्या भक्ष्याश्चैवोत्तरायणे*

👉🏻 *उत्तरायण के दिन तिलों के तेल के दीपक से शिवमंदिर में प्रकाश करना चाहिए , तिलों सहित चावलों से विधिपूर्वक शिव पूजन करना चाहिए. ये भी बताया है की उत्तरायण में तिलों से उबटन, काले तिलों से स्नान, तिलों का दान, होम तथा भक्षण करना चाहिए .*

🌞 *अत्र शंभौ घृताभिषेको महाफलः . वस्त्रदानं महाफलं*

👉🏻 *मकर संक्रांति के दिन महादेव जी को घृत से अभिषेक (स्नान) कराने से महाफल होता है . गरीबों को वस्त्रदान से महाफल होता है .*

🌞 *अत्र क्षीरेण भास्करं स्नानपयेव्सूर्यलोकप्राप्तिः*

👉🏻 *इस संक्रांति को दूध से सूर्य को स्नान करावै तो सूर्यलोक की प्राप्ति होती है .*

🌷 *नारद पुराण के अनुसार “क्षीराद्यैः स्नापयेद्यस्तु रविसंक्रमणे हरिम् । स वसेद्विष्णुसदने त्रिसप्तपुरुषैः सह ।।”*

🌞 *जो सूर्यकी संक्रान्तिके दिन दूध आदिसे श्रीहरिको नहलाता है , वह इक्कीस पीढ़ियोंके साथ विष्णुलोक में वास करता है।*

आइये धन-समृद्धि हेतु विशेष जड़ का ओरय

 आइये धन-समृद्धि हेतु विशेष जड़ का ओरय :


*हरसिंगार का बांदा:- हरसिंगार के बांदे को लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रखेंगे तो धन का अभाव समाप्त हो जाएगा।

* शंखपुष्पी की जड़:- शंखपुष्पी की जड़ रवि-पुष्य नक्षत्र में लाकर इसे चांदी की डिब्बी में रख कर घर की तिरोरी में रख लें। यह धन और समृद्धि दायक है।

* बहेड़ा की जड़ : पुष्य नक्षत्र में बहेड़ा वृक्ष की जड़ तथा उसका एक पत्ता लाकर पैसे रखने वाले स्थान पर रख लें। इस प्रयोग से घर में कभी भी दरिद्रता नहीं रहेगी।

* मदार की जड़ : रविपुष्प नक्षत्र में लाई गई मदार की जड़ को दाहिने हाथ में धारण करने से आर्थिक समृधि में वृद्धि होती हैं।

शनिवार, 9 जनवरी 2021

आइये अगर आपका कोई अपना खोया हुआ व्यक्ति वापस लाना चाहते है तो यन्त्र विज्ञान का जादू देखे.....

 आइये अगर आपका कोई अपना खोया हुआ व्यक्ति वापस लाना चाहते है तो यन्त्र विज्ञान का जादू देखे.....

आचार्य आशुकवि पङ्कज ऊमर

अंतराष्ट्रीय शोधार्थी  भारत 

ज्योतिष गुप्तचर विभाग दिल्ली


🌷*आइये कर्ज-मुक्ति हेतु मासिक शिवरात्रि मनाये*🌷

 🌷*आइये कर्ज-मुक्ति हेतु मासिक शिवरात्रि मनाये*🌷


👉🏻 *11 जनवरी 2021 सोमवार को मासिक शिवरात्रि है।हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्‍त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते- करते ये 17 मंत्र बोलें, जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो, वो शिवजी के मंदिर में जाकर दिया जलाकर ये 17 मंत्र बोले।इससे कर्जा से मुक्ति मिलेगी*

🌷 *1).ॐ शिवाय नम:*

🌷 *2).ॐ सर्वात्मने नम:* 

🌷 *3).ॐ त्रिनेत्राय नम:*

🌷 *4).ॐ हराय नम:*

🌷 *5).ॐ इन्द्र्मुखाय नम:*

🌷 *6).ॐ श्रीकंठाय नम:*

🌷 *7).ॐ सद्योजाताय नम:*

🌷 *8).ॐ वामदेवाय नम:* 

🌷 *9).ॐ अघोरह्र्द्याय नम:* 

🌷 *10).ॐ तत्पुरुषाय नम:*

🌷 *11).ॐ ईशानाय नम:*

🌷 *12).ॐ अनंतधर्माय नम:*

🌷 *13).ॐ ज्ञानभूताय नम:*

🌷 *14). ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:*

🌷 *15).ॐ प्रधानाय नम:* 

🌷 *16).ॐ व्योमात्मने नम:* 

🌷 *17).ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:*

 🙏🏻 *आर्थिक परेशानी से बचने हेतु* 🙏🏻

👉🏻 *हर महिने में शिवरात्रि (मासिक शिवरात्रि - कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी) को आती है | तो उस दिन जिसके घर में आर्थिक कष्ट रहते हैं वो शाम के समय या संध्या के समय जप-प्रार्थना करें एवं शिवमंदिर में दीप-दान करें ।*

👉🏻 *और रात को जब 12 बज जायें तो थोड़ी देर जागकर जप और एक श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।तो आर्थिक परेशानी दूर हो जायेगी।*

🙏🏻  *प्रति वर्ष में एक महाशिवरात्रि आती है और हर महिने में एक मासिक शिवरात्रि आती है। उस दिन शाम7 को बराबर सूर्यास्त हो रहा हो उस समय एक दिया पर पाँच लंबी बत्तियाँ अलग-अलग उस एक में हो शिवलिंग के आगे जला के रखना |बैठ कर भगवान शिवजी के नाम का जप करना प्रार्थना करना, | इससे व्यक्ति के सिर पे कर्जा हो तो जल्दी उतरता है, आर्थिक परेशानियाँ दूर होती है ।*

आचार्य आशुकवि पङ्कज ऊमर

अंतराष्ट्रीय शोधार्थी भारत

ज्योतिष गुप्तचर विभाग दिल्ली

शनिवार, 2 जनवरी 2021

🌷 *आइये अपने कर्ज को विदाई करें * 🌷

 🌷 *आइये अपने कर्ज को विदाई करें * 🌷


समाधान ही समाधान हर समाधान का समाधान

💰 *किसी के सिर पर कर्जा है तो एक सफेद कपड़ा ले लिया और पाँच फूल गुलाब के ले लिए |एक फूल हाथ में लिया और गायत्री मंत्र बोल देना :*

🌷 *ॐ भू र्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् |*

🌹 *और कपड़े पर रख दिया | ऐसे पाँचो फूल गायत्री मंत्र जपते हुये कपडे पर रख दिये और कपड़े को गठान लगाईं और प्रार्थना पूर्वक कि मेरे सिर पर जो भार है.. हे भगवान, हे भागीरथी गंगा !! वो भार भी बह जाये, दूर हो जाये, नष्ट हो जाये ऐसा करके जो कपड़ा बाँधा है फूल रखकर वो बहते हुए पानी में (नदी में) बहा दे |*

आचार्य आशुकवि पङ्कज ऊमर

अंतराष्ट्रीय शोशार्थी भारत

ज्योतिष गुप्त चर विभाग दिल्ली

आइये सौभाग्य-रक्षा और सुख-शांति व समृद्धि बढ़ाने हेतु

 🌷 *आइये सौभाग्य-रक्षा और सुख-शांति व समृद्धि बढ़ाने हेतु एक प्रयोग सीखे..👩🏻 माताएँ-बहनें रोज स्नान के बाद पार्वती माता का स्मरण करते-करत...